सहर
सजेगी होली में फिर...
हर
शाम दिवाली गाएगी
ए
मेरी जिंदगी! तू मेरे साथ बैठ..
साथ
बैठ और...इन्तेज़ार कर..
'उसका'
'उसका'
के फिर किसी रोज तेरे पास
जब
'वो' मुझे ढूंढती आएगी
ए
मेरी जिंदगी! तू उसके साथ बैठना
साथ बैठना और...इन्तज़ार करना
साथ बैठना और...इन्तज़ार करना
'मेरा'
के मैं आऊँगा वापस या
कोई हवा मेरी खबर लाएगी
ए मेरी जिंदगी ! हर हाल में 'मुस्कुराती' रहना
मुस्कुराना और...ख़याल रखना
'अपना'
- साकेत
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