दूरियाँ हमेशा रहीं, नजदीकियों के ठिकाने ना रहे
साथ रहा कुछ यों के फ़साने....फ़साने न रहे |
मुद्दतों भटकने के बाद वो आज घर लौटा
माँ के हाथ की रोटी, लोरियों के ज़माने न रहे |
उम्र गुज़ार दी इक मुकम्मल मक़ाम की तलाश में
मक़ाम तो नसीब था, वो यार पुराने न रहे |
शोर का बाज़ार है, ये शोर का ज़माना
लता के गीत कहाँ, वो रफ़ी के तराने न रहे |
माँ का आँचल ओढ़ बच्चे, आसमां से टकराते थे
आसमां टूट कर बरसा उनपे, जिनके सर शामियाने न रहे |
दीवाने लोग थे इश्क को इबादत समझते थे
इश्क तो आज भी है, बस लोग दीवाने न रहे |
फ़साना - Tale, Fiction
मुकम्मल - Perfect, Complete
मक़ाम - Position
शामियाना - Canopy; A covering (usually of cloth) that
serves as a roof to shelter an area from the weather.
Ghazal
साथ रहा कुछ यों के फ़साने....फ़साने न रहे |
मुद्दतों भटकने के बाद वो आज घर लौटा
माँ के हाथ की रोटी, लोरियों के ज़माने न रहे |
उम्र गुज़ार दी इक मुकम्मल मक़ाम की तलाश में
मक़ाम तो नसीब था, वो यार पुराने न रहे |
शोर का बाज़ार है, ये शोर का ज़माना
लता के गीत कहाँ, वो रफ़ी के तराने न रहे |
माँ का आँचल ओढ़ बच्चे, आसमां से टकराते थे
आसमां टूट कर बरसा उनपे, जिनके सर शामियाने न रहे |
दीवाने लोग थे इश्क को इबादत समझते थे
इश्क तो आज भी है, बस लोग दीवाने न रहे |
- साकेत
फ़साना - Tale, Fiction
मुकम्मल - Perfect, Complete
मक़ाम - Position
शामियाना - Canopy; A covering (usually of cloth) that
serves as a roof to shelter an area from the weather.
2 comments
awesum
ReplyDeleteWow...
ReplyDelete