बहती हवा का शोर होगा
ध्यान से देख...कोई और होगा |
आंसुओं से लिख जाते थे खत कभी तुझको
वो भी भला कोई वक्त होगा...कोई दौर होगा |
तमाम शहर लूट कर वो महलों में बसता है
भूखे ने रोटी क्या चुरा ली...लोग कहने लगे 'चोर होगा' |
दरख़्त की तरह वो ताउम्र, रिश्तों के शाख जोड़ता रहा
रिश्ते यूँ पत्तों की तरह बिखरे...हवा का ज़ोर होगा |
वक्त क्या बदला, लोग भी बदल गए
इस ज़माने का यही तरीका...यही तौर होगा |
शांत आसमां है, सब कुछ देखता है, लोग भूल जाते हैं
इस आसमाँ का, बरसता हुआ कोई...छोर होगा |
वो इसी दुनिया में मिला मुझसे...जो अब सितारों में बसता है
आँखें नम हैं, दर्द वक्त के साथ...शायद कमजोर होगा |
Ghazal
ध्यान से देख...कोई और होगा |
आंसुओं से लिख जाते थे खत कभी तुझको
वो भी भला कोई वक्त होगा...कोई दौर होगा |
तमाम शहर लूट कर वो महलों में बसता है
भूखे ने रोटी क्या चुरा ली...लोग कहने लगे 'चोर होगा' |
दरख़्त की तरह वो ताउम्र, रिश्तों के शाख जोड़ता रहा
रिश्ते यूँ पत्तों की तरह बिखरे...हवा का ज़ोर होगा |
वक्त क्या बदला, लोग भी बदल गए
इस ज़माने का यही तरीका...यही तौर होगा |
शांत आसमां है, सब कुछ देखता है, लोग भूल जाते हैं
इस आसमाँ का, बरसता हुआ कोई...छोर होगा |
वो इसी दुनिया में मिला मुझसे...जो अब सितारों में बसता है
आँखें नम हैं, दर्द वक्त के साथ...शायद कमजोर होगा |
- साकेत
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