ये कविता उन यारों और उनकी यारी के नाम...
उनके एक-दूजे के साथ बिताये हसीन लम्हों के नाम...
उन लम्हों के नाम जिनकी यादों को मौत भी फ़ना न कर पाई...
उस अन्जाने से खालीपन के नाम...जो एक के चले जाने पर दूसरे के दिल में ताउम्र क़ैद रहेगी ........
उनके एक-दूजे के साथ बिताये हसीन लम्हों के नाम...
उन लम्हों के नाम जिनकी यादों को मौत भी फ़ना न कर पाई...
उस अन्जाने से खालीपन के नाम...जो एक के चले जाने पर दूसरे के दिल में ताउम्र क़ैद रहेगी ........
आज हवा के थपेडों में,
उस सिहरन की छाप नहीं।
आज सुबह की हरकतों में,
वो सुरीले आलाप नहीं...
क्या ग़ैर थे हम?
यूँ तन्हा जो...छोड़ गए।
इस दोस्त-दोस्ती की दुनिया के,
उसूल जो सारे...तोड़ गए...
तेरी याद बहुत आती है (रे),
जो आँखें आसमाँ टकरातीं हैं ,
जो आँखें रोने को आती हैं तो...
फिर.....
तेरी याद आ जाती है।।
लाठी भारी हो चली है या फिर...
कदम सहम गए हैं मेरे।
शाम चाय के वादे बिन तेरे,
चलने का जी न करता है...
तुझे याद है... कैसे हम दोनों,
साथ सिनेमा जाते थे।
'मधुबाला' के प्रेम में डूबे...
रातों सड़क बिताते थे...
ठंड सड़क साईकिल पर तेरी,
'लॉन्ग ड्राईव' फ़रमाते थे...
टाँग कंधे पर पंक्चर साईकिल,
घर वापस को आते थे।
सीखा तुझसे बिन नहाए कैसे,
ये जाड़े बिताये जाते हैं...
'सेव वाटर' के तेरे फंडे यादकर,
ये आँसू भी थम जाते हैं।
फिर संग तेरे आज परीक्षा,
फेल होने का मन करता है।
तू फेल बोल कर 'पास' हो गया...
बस यही खटकता रहता है।
आज सुबह जाने से पहले,
तू शायद सपने में आया था...
सुबह के सपने सच होंगे ये,
कहाँ समझ मैं पाया था।
अब कहाँ सपने होंगे जब,
नींद नहीं आ पाती है...
उस नींद का मुझको क्या करना जो,
तुझे दूर कर जाती है...
अब और नहीं लिख पाऊँगा मैं,
जो कलम रोने को आई है ...
लिख-लिख कर बस अब रो लेता हूँ,
जो याद तेरी आज आई है......
- साकेत
6 comments
sexy... :)
ReplyDelete_Tushar
Acha likh lete ho bhai
ReplyDeleteawsm!!!!!!!!!!!
ReplyDeletebbahut khub..laajwaab,aisa lagta mai apne man ko aaine me dekh raha hun..
ReplyDeletesirji , gr8 work !!
ReplyDelete@JD
Nice one bro....:)
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