जैसे आती हो ईद... Rubai Thursday, August 08, 2013 Saket Kumar Reading Add Comment ज़िंदगी आई है मिलने अनेकों इम्तिहान के बाद जैसे आती हो ईद किसी रमज़ान के बाद आज रुकेंगे, और खूब देखेंगे उस चाँद को हम शायद! फिर वो नसीब न हो कल की अज़ान के बाद - साकेत Rubai Share: Facebook Twitter Google Plus Pinterest Related Articles
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