Home
About
Portfolio
Contact
Sunday, May 26, 2013
Tagged under:
Hindi
,
Saket
अलविदा
Saket Kumar
Sunday, May 26, 2013
No comment
कि जुबान भूल जाएँगे,
पर कहावतें याद रह जाएँगी...
नाम भूलना मुमकिन है सही,
तेरी आदतें याद रह जाएँगी...
जो चंद पल रफाकत के मिले,
वो मुलाकातें याद रह जाएँगी...
हम शायद किस्से भूल चुके होंगे तेरे,
कि तेरी वो बातें याद रह जाएँगी...
-
साकेत
Newer Post
Older Post
0 comments:
Post a Comment
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Search This Blog
Top Charts
बरसात बनके रहता है
बेवक्त बेमौसम बरसात बनके रहता है वो मेरी आँखों में ख़्वाब बनके रहता है सवालों में उलझी हुई है जिंदगी, वो जिंदगी से मिला जवाब बनके रहता ...
याद तेरी
ये कविता उन यारों और उनकी यारी के नाम... उनके एक-दूजे के साथ बिताये हसीन लम्हों के नाम... उन लम्हों के नाम जिनकी यादों को मौत भी फ़ना न ...
Slideshow
Slide 1 It was for the fiftieth time since last half an hour or so that he was clicking on that refresh button of his browser. Adjoi...
खुदा मिला उसे...
खुदा मिला उसे, नेमत छोटी माँग ली घर पर बच्चा भूखा था, माँ ने रोटी माँग ली मखमली चादर चढ़ने लगे, बेटों की ख्वाहिश में वो गरीब जाहिल ठहरा...
दोषी तुम कहलाओगे ....
लोग कहते थे "दिल्ली ऊँचा सुनती है".... मैं नहीं कहता था, ये लोग कहते थे। कल दिल्ली एक बेबस लड़की की चीत्कारों को भी ना सुन पाई.....
Follow by Email
Follow on FaceBook
0 comments:
Post a Comment