Reading
1 Comment
अधूरा चाँद
पूरा आकाश
दूधिया रोश्नी
जूझता प्रकाश
बुझता दीपक
अँधेरा...
मिटाने का प्रयास
जागती रातें
सवेरे की आस
हर रात...
अकेला मैं
मेरे साथ
'तुम'
Kavita
पूरा आकाश
दूधिया रोश्नी
जूझता प्रकाश
बुझता दीपक
अँधेरा...
मिटाने का प्रयास
जागती रातें
सवेरे की आस
हर रात...
अकेला मैं
मेरे साथ
'तुम'
- साकेत


1 comments
Kya baat h saket sir..
ReplyDelete