अलविदा कि जुबान भूल जाएँगे, पर कहावतें याद रह जाएँगी... नाम भूलना मुमकिन है सही, तेरी आदतें याद रह जाएँगी... जो चंद पल रफाकत के मिले, वो मुलाकातें याद रह जाएँगी... हम शायद किस्से भूल चुके होंगे तेरे, कि तेरी वो बातें याद रह जाएँगी... - साकेत